अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता दिवस के अवसर पर जहां देशभर में दिव्यांगजनों के अधिकारों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे, वहीं शिमला में राज्य सचिवालय के बाहर दृष्टिहीन संघ का विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया।
दृष्टिहीन संघ की मांगों को पूरा न किए जाने से नाराज़ दिव्यांगजन काले रिबन बांधकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखाई दिए।
771 दिनों से जारी आंदोलन, 39 दिनों से सचिवालय के बाहर धरना
राज्य दृष्टिहीन संघ पिछले 771 दिनों से अपनी विभिन्न मांगों—
- बैकलॉग कोटे से भर्ती
- पेंशन बढ़ोतरी
- लंबित मामलों का निपटारा—
को लेकर शिमला में प्रदर्शन कर रहा है।
पिछले 39 दिनों से दृष्टिहीन संगठन के सदस्य राज्य सचिवालय शिमला के बाहर सड़क पर बैठे हैं, लेकिन संघ का आरोप है कि न सरकार और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी उनसे मिलने आया है।
सरकार की बेरुखी से नाराज़, आंदोलन और उग्र करने की चेतावनी
दृष्टिहीन संघ का कहना है कि सरकार की लगातार उपेक्षा से वे बेहद निराश हैं और अब उग्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
कुछ सदस्यों ने यहां तक कहा कि यदि जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो वे आमरण अनशन और आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे।
दृष्टिहीन संघ की चेतावनी: 10 दिसंबर के बाद होगा बड़ा प्रदर्शन
राज्य दृष्टिहीन संघ के सचिव राजेश ठाकुर ने बताया कि
- उन्होंने आज से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है,
- और 10 दिसंबर के बाद राज्यभर से दृष्टिहीनजन और उनके परिवार शिमला पहुंचकर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे।
राजेश ठाकुर, सचिव, राज्य दृष्टिहीन संघ ने कहा कि सरकार यदि जल्द कोई ठोस पहल नहीं करती तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।