एक राजनेता कम व अधिवक्ता के रूप में ज्यादा है पहचान: कुलदीप राठौर

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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता व ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि उनकी पहचान एक राजनेता कम व अधिवक्ता के रूप में ज्यादा है। आज वह जिस भी मुकाम पर पहुंचे हैं उसके पीछे कानूनी पेशे की अहम भूमिका है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विधि विभाग की फ्रैशर पार्टी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि आज भी जब उन्हें कोई व्यक्ति मिलता है तो वह अपना परिचय राजनेता के रूप में नहीं बल्कि वकील के रूप में देते हैं। कुलदीप राठौर ने कहा कि उन्होंने प्रदेश उच्च न्यायलय व सर्वोच्च न्यायलय में वकालत की है। एक दशक तक वह भारत सरकार में वरिष्ठ अधिवक्ता रहे। आज भी वह रेलवे के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। उन्होंने कहा कि यह पहचान तभी बन पाई जब उन्होंने कानून की पढ़ाई की। कानून के छात्रों को संबोधित करते हुए राठौर ने कहा कि राजनीति कभी पेशा नहीं होना चाहिए। मैंने भी अपने जीवन में राजनीति को कभी पेशा नहीं समझा। मेरा पेशा शुरू से वकालत का रहा है। उन्होंने कहा कि यह बात वे आज भी पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि जो अच्छा वकील होता है वह एक अच्छा राजनेता भी बन सकता है। कानूनी पेशे से आए लोग नेताओं की तरह घूमा फिराकर बात नहीं करते। मैं सपष्ट बात करता हुं। सेवा व विकास कार्यों के लिए हमारी सोच साफ होनी चाहिए। उन्हेांने कहा कि जिन छात्रों का यह अंतिम समेस्टर है उनके पास कई तरह की ऑप्शन हैं। वे कानून की पढ़ाई कर सकते हैं, प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं, परीक्षाओं की तैयारी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिस भी छात्र ने कानून की पढ़ाई की होती है उसमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं होती। उसे कानून की जानकारी होती है। वकील की खासियत यह है कि उसकी दोस्ती चाय वाले से लेकर राष्ट्रपति से भी हो सकती है। यदि वह राजनीति में आ जाए तो उसे यह पता होता है कि ब्यूरोक्रेसी को कैसे डील करना है, कैसे क्षेत्र के मुद्दे विधानसभा में रखने है। उन्होंने सभी बच्चों को शुभकामनाएं दी व कहा कि वह आत्म विश्वास व लक्ष्य लेकर आगे बढ़े। वे गांव के स्कूल से पढ़कर आए। लक्ष्य वकील बनना था, कानून की पढ़ाई की और वकील बन गए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी का मूल मंत्र दिया था कि कड़ी मेहनत दृढ निश्चय व पक्का इरादा लेकर चले सफलता मिलेगी। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे भी इसी मूल मंत्र को अपनाकर आगे बढ़ें। इससे पहले कॉलेज के छात्रों द्वारा संस्क़ृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लॉ विभाग के सभी शिक्षक भी मौजूद रहें।

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