आर्थिक कंगाली के बावजूद हिमाचल में माननीयों के वेतन में बढ़ौतरी

Himachal News

शिमला
आर्थिक कंगाली का रोना रोने वाली सुक्खू सरकार ने मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के वेतन में बजट सत्र के अंतिम दिन 24 से 26 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को मंत्रियों, विधायकों, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वेतन में वृद्धि संशोधन विधेयक सदन में पेश किया। आर्थिक बदहाली को लेकर सुक्खू सरकार पर लगातार हमला बोलने वाला विपक्ष हां की हां मिलाता नजर आया।

हिमाचल प्रदेश में माननीयों के वेतन में नौ वर्ष बाद वृद्धि हुई है। वर्तमान में, प्रत्येक विधायक को 55 हजार रुपये का बेसिक वेतन और विभिन्न भत्तों के रूप में कुल 2 लाख 10 हजार रुपये मासिक दिए जाते हैं। इस राशि में पांच तरह के भत्ते भी शामिल हैं जिसमें 20 हजार टेलीफोन भत्ते को खत्म करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके अलावा बिजली और पानी की सब्सिडी भी विधायकों को नहीं मिलेगी।

वर्तमान में मुख्यमंत्री को 95 हजार मासिक वेतन के अलावा कुल 2 लाख 50 हजार रुपए के करीब वेतन भत्ते मिलते हैं। कैबिनेट मंत्री का वेतन 80 हजार रुपए है और कुल वेतन भत्ते 2 लाख 40 हजार के करीब हैं। इसी तरह विधायकों की कुल वेतन भत्ते 2 लाख 10 हजार है जिसमें करीब 50 हजार तक या अधिक के इजाफे का अनुमान है।

हालांकि हिमाचल प्रदेश में कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है और कर्ज एक लाख करोड़ से पार हो गया है। कर्मचारियों व पेंशनरों की नए संशोधन वेतनमान 2016 की देनदारियां 10 हज़ार करोड़ रुपए की है जिसे देने में सरकार आर्थिक तंगहाली का हवाला देती है लेकिन खुद की बारी में ये आर्थिक तंगहाली आड़े नहीं आई और हैरानी इस बात की है कि विपक्ष भी इसमें खामोश रहा और बिल को पारित करने में सहमति जताई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *