चैड़ी गोवर्धन धाम में शनिधाम और कर्मघाट धाम की हुई स्थापना

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राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मंत्री अनिरुद्ध सिंह हुए शामिल, क्षेत्र के लोगों को पितृ संस्कार की मिलेगी सुविधा

शिमला
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोवर्धन में बेसहारा गौवंश की सेवा की जाती है. शनिवार को गोवर्धन धाम में शनिधाम के साथ कर्मकांड धाम की भी स्थापना कर दी गई है. इससे इलाक़े के हज़ारों लोगों को परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु के बाद कर्मकांड के लिए हरिद्वार जाने की आवश्यकता नहीं होगी. सनातन धर्म में अंतिम संस्कार को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. हालांकि मृत्यु के बाद अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार में जाने की आवश्यकता रहेगी. इस दौरान हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने इस कदम का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि हर सनातनी, हर भारतवंशी उसे अपनी माता मानता है. उसमें 64 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. पूंछ से लेकर सींग तक भगवान का निवास होता है.

गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने के सवाल पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि सभी लोग गौ को माता के रूप में स्वीकार करते हैं. पूज्य करपात्री जी महाराज ने इसके लिए बड़ा संघर्ष किया था, हो सकता है कि बहुत से लोगों को इसकी जानकारी न हो, लेकिन उस समय न जाने कितने लोगों ने इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी थी. हिंदुस्तान में गौ को माता के रूप में स्वीकार किया गया है. हर सनातनी, हर भारतवंशी उसे अपनी माता मानता है. उसमें 64 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. पूंछ से लेकर सींग तक भगवान का निवास होता है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इससे इलाक़े की जनता को फ़ायदा मिलेगा. लंबे वक़्त से यहां गऊशाला चल रही है. अब इस नए अध्याय के साथ इलाक़े की जगह लाभान्वित होगी. अनिरुद्ध सिंह ने इसे मौजूदा वक़्त की ज़रूरत भी बताया.

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