शिमला,
हिमाचल प्रदेश के नए मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रशासनिक अनुशासन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को अनुशासन का पालन करने के स्पष्ट आदेश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि कोई भी सचिव या विभागाध्यक्ष शिमला से बाहर बिना जानकारी दिए नहीं जाएगा। अधिकारियों के किसी भी टूर (विदेश या भीतर प्रदेश) को मंजूरी मिलने के बाद संबंधित मंत्री और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी भेजी जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
इसके अलावा, सभी अधिकारियों को सुबह 10 बजे तक अपने दफ्तर में उपस्थित होना अनिवार्य किया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि अफसरों के विदेश दौरों पर भी लगाम लगाई जाएगी, क्योंकि इससे विभागीय काम प्रभावित हो रहा है।
मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी के पास फाइल दो दिन से अधिक समय तक नहीं रुकेगी।
सात प्राथमिकता क्षेत्र
मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अगले दो साल के लिए सात प्राथमिकता क्षेत्रों की पहचान की है। ये हैं:
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था
- पर्यटन
- हाइड्रो पावर
- नेचुरल फार्मिंग
- डाटा स्टोरेज
प्रदेश सरकार अपने संसाधनों का उपयोग इन प्राथमिकताओं के अनुसार करेगी।
वित्तीय स्थिति और प्राकृतिक आपदा
वित्तीय संकट पर संजय गुप्ता ने कहा कि स्थितियां सभी के सामने हैं और आने वाले कुछ महीने चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। नए साल से हालात सामान्य होने की संभावना है। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार के कामकाज में कोई बाधा नहीं आएगी।
जहां तक प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान का सवाल है, मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) को केंद्र सरकार को रिपोर्ट जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही केंद्र से अगली किस्त जल्दी मिलने की कोशिशें भी की जा रही हैं।
कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज (COS) पर टिप्पणी
संजय गुप्ता ने COS की बैठकें दोबारा शुरू करने के सवाल पर कहा कि हिमाचल में इस तरह की बैठकें पहले होती रही हैं, लेकिन इस कमेटी के पास कोई अधिकार नहीं होता। उन्होंने बताया कि भारत सरकार में COS रेकमेंडेशन दे सकती है, लेकिन हिमाचल में ऐसा नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वह प्रशासनिक सुधार विभाग में थे, तब COS की बैठक नियमित होती थी।