शिमला
चिकित्सा जगत में एक चमत्कारिक उपलब्धि दर्ज हुई है। AIMSS चमियाना के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग की टीम ने एक 23 वर्षीय युवती के भोजन नली (Food Pipe) में पिछले 15 सालों से फंसे सिक्के को सफलतापूर्वक निकालकर नया कीर्तिमान बनाया है।
इस जटिल सर्जरी को डॉ. बृज शर्मा, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. विशाल बोध और डॉ. आशीष चौहान के नेतृत्व में किया गया। मरीज कई वर्षों से निगलने में कठिनाई (Dysphagia) की समस्या से जूझ रही थी। परिजनों ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया, लेकिन असली वजह का पता नहीं चल सका।
जांच में पता चला कि युवती ने लगभग 15 वर्ष पहले, जब वह दूसरी कक्षा में थी, गलती से एक सिक्का निगल लिया था, जो भोजन नली में ही फंसा रह गया। इतने वर्षों तक सिक्के का शरीर में बने रहना बेहद दुर्लभ और चिकित्सकीय दृष्टि से चुनौतीपूर्ण स्थिति थी।
पहले भी कई बार सिक्का निकालने के प्रयास असफल रहे थे, लेकिन AIMSS चमियाना की गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी टीम ने अत्याधुनिक एंडोस्कोपिक तकनीक की मदद से सिक्का सुरक्षित रूप से बाहर निकाल लिया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और अब मरीज की हालत पूरी तरह स्थिर है।
डॉक्टरों का कहना है कि इतने लंबे समय तक भोजन नली में धातु का फंसा रहना असाधारण है। यह मामला न केवल AIMSS चमियाना के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि हिमाचल के चिकित्सा इतिहास में भी एक मिसाल बन गया है।