हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विजयादशमी के अवसर पर गुरुवार शाम जाखू मंदिर परिसर में रावण दहन का भव्य आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रिमोट का बटन दबाकर जैसे ही रावण के 45 फुट ऊंचे पुतले को अग्नि सौंपी, पूरा वातावरण ‘जय श्रीराम’ और ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के जयकारों से गूंज उठा। देखते ही देखते रावण के साथ मेघनाद और कुंभकर्ण के 40-40 फुट ऊंचे पुतले भी आग की लपटों में समा गए।
इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग दशहरे का आनंद लेने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री सुक्खू ने सभी को बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक इस पर्व की शुभकामनाएं दीं। उनके साथ शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान और उपायुक्त अनुपम कश्यप भी मौजूद रहे।
हर साल की तरह इस बार भी रावण दहन का जिम्मा मुख्यमंत्री ने संभाला। जाखू मंदिर कमेटी की ओर से पंजाब के कलाकारों द्वारा बनाए गए इन विशाल पुतलों ने आकर्षण का केंद्र बनाया।
यातायात और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
दशहरे के अवसर पर जाखू मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे। रिट्ज, संजौली और छोटा शिमला से अतिरिक्त टैक्सियां चलाई गईं ताकि भक्तों को सुविधा मिल सके। निजी वाहनों को मंदिर परिसर तक लाने की अनुमति नहीं दी गई और दूर स्थित पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक रूट और सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए थे।
भव्य आतिशबाजी और जलते पुतलों के बीच जब आकाश रोशनी से जगमगाया तो पूरा परिसर त्योहार की उमंग से सराबोर हो उठा।