शिमला
सीपीएस मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट से हिमाचल सरकार को थोड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की सदस्यता को रद्द करने पर राहत दी है और याचिकाकर्ता नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सुप्रीम ने हाई कोर्ट के फैसले को स्टे कर दिया है और कहा है कि फिर से सीपीएस की नियुक्ति नहीं हो सकती है। विधायकी खत्म होने सारी संभावनाएं भी खत्म हो गई है बीजेपी इसको लेकर प्रश्न उठा रही थी।बीजेपी नेतृत्व विहीन है इसलिए हर मामले को तूल दे रही थी।बीजेपी को लोकतंत्र के मूल्यों को समझना चाहिए। बीजेपी के सरकार गिराने के मंसूबे कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।इस फैसले पर बीजेपी को आत्ममंथन करना चाहिए, जो मुद्दे ही नहीं हैं उनको मुद्दा बनाने की भाजपा कोशिश कर रही है।