भरमौर से आठ दिन बाद लौटे राजस्व मंत्री बोले सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला, 17 लोगो की हुई मौत,एक विशेष पार्टी द्वारा किया गया भृमक प्रचार, सड़को को जल्द किया जाएगा बहाल

Himachal News

भरमौर में आपदा के बाद सुक्खू सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी 8 दिनों तक भरमौर में डटे रहे और राहत बचाव कार्यो की निगरानी करते रहे। वही जगत नेगी वापस शिमला लौट आए है।शिमला पहुचने के बाद
उन्होंने कहा कि भरमौर में स्थिति काफी बेहतर है वहां पर जितने भी लोग फंसे हुए थे उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है और जो शव पड़े थे उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से चंबा पहुंचाया गया है।अब केवल पुलिस और एनडीआरएफ के जवान वहां पर है।सड़को को खोलने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है और तीन दिन के भीतर सड़को को बहाल किया जाएगा।
उन्होने कहा कि भरमौर में जब आपदा आई तो उसके बाद एक पार्टी विशेष द्वारा अफवाहों को बड़ी तेजी से फैलाया गया ।लोगो को गुमराह करने की कोशिश की गई।
ओर हजारों लोगों के मरने की बाते सोशल मीडिया पर फैलाई गई। ओर सरकार द्वारा ही नेटर्वक को बन्द करने की बाते कही जा रही थी जबकि नेट का पूरा कंट्रोल निजी कंपनियों के पास होता है और सिग्नल को बंद करना है तो इसकी अनुमति केंद्र सरकार से लेनी पड़ती है और बिना अनुमति के नेट को बंद नहीं किया जा सकता है यह केवल कुछ परिस्थितियों में ही गृह मंत्रालय की इजाजत देता है उसके बाद ही इसे बंद किया जा सकता है। भरमौर में आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी लोगों को गुमराह किया गया।श्रद्धालुओं ओर लोगो को इसके बारे मे बताया गया।
उन्होंने कहा कि बिना तथ्यों के जांच की ही कुछ चैनल और सोशल मीडिया द्वारा 2000 लोगों के मौत की खबरें चलाई गई और कुछ लोग तो ऐसे थे जो 5000 लोगों के मरने की बात कर रहे थे जबकि चैनलों को बिना तथ्यों के जांच के आपदा के समय इस तरह की खबरों को नहीं चलना चाहिए और लोगों को भ्रमित करने का काम नहीं किया जाना चाहिए ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
नेगी ने कहा कि इस बार मणिमहेश यात्रा के दौरान केवल इस 17 लोगों की मौत हुई है और वह भी किसी आपदा की वजह से नहीं बल्कि ऑक्सीजन की कमी और ठंड की वजह से लोगों की मौत हुई है जबकि पिछले साल इससे ज्यादा लोगों की मौतें यात्रा के दौरान हुई थी। उन्होंने कहा कि यह शारदा के दौरान सबसे मुश्किल काम शवो को वहां से निकलना था।60 लोगो की टीम को कुवती भेजा गया ओर शवो को वहां से लाया गया। सभी शवो को निकाल के परिजनों को सौंप दिया गया है।
वही आपदा के दौरान टेक्सी चालको द्वारा अधिक पैसे वसूलने के आरोपो पर नेगी ने कहा कि सड़क अवरुद्ध होने के बाद 25 किलोमीटर के सफर के दौरान टैक्सी चालकों ने मनमाने रेट वसूले गए।लेकिन जब वे वहां पहुचे तो सरकार की ओर से निशुल्क टैक्सी लगाई गई।उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो यात्राएं होती है उन्हें सुरक्षित करने की जरूरत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *