धर्मशाला / कृतिका
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा मार्च माह में आयोजित की जाने वाली वार्षिक परीक्षाओं में स्टेपवाइज मार्किंग की व्यवस्था लागू होगी। किसी बच्चे ने किसी सवाल का उत्तर जितना भी ठीक लिखा होगा, उसका क्रेडिट उसे मिलेगा, यानी कितना उत्तर सही होगा, उसके अंक बच्चे को मिलेंगे। ओएमआर शीट के प्रति बच्चों में जागरूकता हो, इसके लिए बोर्ड के जो परीक्षा केंद्र हैं, उनमें जिला स्तर पर वीडियो कांफ्रेेसिंग के माध्यम से बोर्ड संपर्क करेगा और ओएमआर शीट बारे जागरूक करेंगे। बोर्ड सचिव डा. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं में स्टेपवाइज मार्किंग भी शुरू की गई है। पहले पेपर चेक करने वाले शिक्षक द्वारा किस उत्तर के कितने अंक देने हैं, यह शिक्षक पर निर्भर करता है। अब बोर्ड द्वारा लागू की गई व्यवस्था छात्र हित में, जिसके तहत शिक्षक स्टेपवाइज बच्चे द्वारा दिए गए उत्तर को चेक करेंगे और जितना उत्तर बच्चे ने ठीक लिखा होगा, उसके अंक बच्चों को दिए जाएंगे, इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं तथा यह व्यवस्था भी मार्च 2025 की परीक्षाओं से लागू होगी।
ओएमआर शीट पर बोर्ड सचिव ने बताया कि कई बार पेपर चेकिंग कर रहे शिक्षकों के हिसाब से एक सवाल के जवाब का ऑप्शन अलग-अलग होता है, ऐसे में एकसमान कुंजी नहीं बन पाती थी। ओएमआर शीट की व्यवस्था से एकसमान कुंजी होगी तथा असेस्मेंट में सब्जेक्टिविटी दूर होकर आब्जेक्टिविटी आ जाएगी। ओएमआर शीट की व्यवस्था नियमित परीक्षार्थियों के लिए दसवीं व बारहवीं, जबकि एसओएस में आठवीं, दसवीं व बारहवीं में यह व्यवस्था लागू होगी। जिन परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन बोर्ड स्वयं करता है, उन्हीं परीक्षाओं में ओएमआर शीट की व्यवस्था की गई है।
20 फीसदी प्रश्न होंगे बहुविकल्पीय
बकौल बोर्ड सचिव डा. मेजर किसी भी प्रश्नपत्र के 20 फीसदी प्रश्न अब बहुविकल्पीय प्रश्न हो जाएंगे। भविष्य में जब बच्चा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है तो एक साल तक बहुविकल्पीय प्रश्नों की भी प्रेक्टिस करता है। इससे बच्चे को बोर्ड एग्जाम में मदद मिलेगी, साथ ही बच्चा कम्पीटीशन में जाएगा तो उसकी ओरिएंटेशन पहले से हो जाएगी।