हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (HPUTWA) द्वारा 23 अक्तूबर को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षकों द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया।
इस बैठक में संपूर्ण विश्वविद्यालय के प्राध्यापक ने भाग लिया । इस बैठक में प्राध्यापकों की लंबे समय से चली आ रही माँग पर चर्चा की गई। 2016 में UGC द्वारा दिये गये नये वेतनमान का एरएयर लंबित है जिसके बारे में सरकार द्वारा कोई बात नहीं की जा रही है तथा इसे लंबे समय से रोका हुआ है जिससे कर्मचारी एवं शिक्षक वर्ग में भारी रोष है ।
हपूटवा के अध्यक्ष नितिन व्यास ने बताया कि सरकार द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई है जिसके अनुसार कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकों को पद्दोनिति नहीं दी जा सकती ।
इस अधिसूचना के कारण शिक्षकों में भारी रोष है नितिन व्यास ने बताया कि पिछले चार वर्षों से कॉलेज एवं महाविद्यालय के शिक्षकों की पदोन्नति रुकी हुई है । सरकार के इस निर्णय का शिक्षक विरोध करते हैं ।
इस बैठक में कहा गया कि दस अक्तूबर 2014 के बाद कॉलेज एवं विश्विद्यालय के शिक्षकों की पीएचडी इंक्रीमेंट को समाप्त कर दिया गया जो कि तर्क संगत नहीं है हज़ारों शिक्षकों को इस लाभ से वंचित किया गया है जिसका विश्विद्यालय का शिक्षक पुरज़ोर विरोध करता है । इस के साथ साथ विश्विद्यालय में भाई भतिजवाद के द्वारा हॉल ही में एक असिस्टेंट प्रोफेसर को मनचाहा सरकारी मकान देना अनैतिक है जिससे आम शिक्षक जो मकान मिलने की अपनी बारी का इंतज़ार कर रहा था व्यथित है बैठक में इस निर्णय को भी तुरंत वापस लेने की माँग की ।
इस बैठक में हपूटवा के द्वारा कड़े शब्दों में शिक्षक विरोधी निर्णयों के ख़िलाफ़ लामबंद होने के साथ आंदोलन की शुरुआत करने की बात कही गई । इस बैठक में निर्णय लिया गया कि पहले चरण में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का शिक्षक काले बिल्ले लगा कर अपना रोष प्रकट करेंगे । दूसरे चरण में शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल अपनी माँगों को लेकर माननीय शिक्षा मंत्री , माननीय पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष ,माननीय मुख्यमंत्री जी तथा उसके पश्चात माननीय राज्यपाल महोदय जी के समक्ष प्रदेश के शिक्षकों की माँगों को रखेगा ।
हपूटवा की इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में अगर शिक्षकों की माँगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो हपूटवा आंदोलन की राह पर चलने से गुरेज़ नहीं करेगी।