
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सोलन जिला में 28.38 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सेब एवं फल मण्डी सोलन तथा टर्मिनल मण्डी परवाणु का विधिवत लोकार्पण किया।मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड एवं कृषि उपज मण्डी समिति सोलन के अंतर्गत सोलन में 9.88 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित सेब एवं फल मण्डी सोलन का लोकार्पण किया। उन्होंने सोलन जिला के परवाणु में 18.50 करोड़ रुपये की लागत से टर्मिनल मण्डी परवाणु के उन्नयन, सुदृढ़ीकरण, सम्पर्क सड़क एवं पार्किंग का लोकार्पण भी किया।मुख्यमंत्री को इस अवसर पर फल एवं सब्जी मण्डी आढ़ती ऐसोसिएशन सोलन द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए सहयोग राशि के रूप में 11 लाख रुपये का चैक भेंट किया गया। उत्तराखण्ड भ्रातृ मण्डल सोलन की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 51 हजार रुपये का चैक भेंट किया गया।ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर सोलन तथा परवाणु में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार किसानों एवं बागवानों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। राज्य सरकार क्षेत्र विशेष की परिस्थिति के अनुसार फल उत्पादन बढ़ाने के लिए फल केन्द्र (हब) विकसित करने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना के तहत प्रदेश में 6000 हैक्टेयर क्षेत्रफल में दो चरणों में बागवानी विकास सुनिश्चित किया जाएगा। 1292 करोड़ रुपये की इस परियोजना से 15 हजार से अधिक बागवान परिवार लाभान्वित होंगे। यह परियोजना प्रदेश के 07 जिलों सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी, सिरमौर और ऊना में कार्यान्वित की जाएगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश के कारण प्रदेश को व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ है। राज्य सरकार एक ओर जहां मूलभूत सुविधाओं को युद्ध स्तर पर बहाल कर रही है, वहीं आमजन को निश्चित समयावधि में राहत पहंुचाई जा रही है। आपदा में घिरे लोगों की सहायता के लिए प्रदेश सरकार ने फौरी राहत को बढ़ा कर एक लाख रुपये किया है। नष्ट फसलों की एवज में अब तीन हजार रुपये प्रति कनाल प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से हिमाचल को इस आपदा से उबारा जायेगा।स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने इस अवसर पर कहा कि सोलन प्रदेश के सेब उत्पादकों एवं किसानों-बागवानों के लिए बेहतर मण्डी बनकर उभरा है। यहां किसानों-बागवानों को ई-क्रय-विक्रय सुविधा उपलब्ध है।