हिमाचल सरकार द्वारा प्रदेश में कृषि नवाचार और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के लाभान्वित परिवारों में से 150 युवा किसानों को जापान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि प्रशिक्षण प्राप्त होगा। यह कार्यक्रम जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-II) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
उपरोक्त विषय पर 3 अगस्त, 2024 को माननीय कृषिमंत्री, हिमाचल प्रदेश प्रोफेसर चंद्रकुमार के कार्यालय शिमला में उच्च-स्तरीय बैठक अयोजित की गई, जिसमें हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्रामनियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, केवल सिंह पठानिया, उप मुख्य सचेतक, सचिव कृषि, डॉ. सी पॉलरासु (IAS), सुश्री गन्धर्वाराठौड़ (IAS), प्रबंधनिदेशक, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम (HPKVN), हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-II) की ओर से डॉ. सुनील चौहान, परियोजना निदेशक, बलजीत संधू, वरिष्ठ सलाहकार और डॉ. राजेश कुमार उप परियोजना निदेशक शामिल थे।
बैठक में सभी ने कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया और इसके संभावित लाभों पर चर्चा की, जो राज्य की कृषि और किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इस बैठक के दौरान, सुश्रीगन्धर्वाराठौड़ (IAS), प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम और डॉ. सुनील चौहान, परियोजना निदेशक, हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-II) के बीच इस कार्यक्रम को लेकर समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।यह समझौता इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत और कार्यान्वयन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर डॉ. सी पॉलरासु (IAS), सचिव कृषि, हिमाचल प्रदेश ने कहा कि यह हिमाचल सरकार की अनूठी पहल है, जहां हिमाचल प्रदेश में जायका परियोजना के अंतर्गत आने वाले गांव के किसानो के युवा बच्चों को विश्व के सबसे विकसित देशों में से एक जापान में जाकर कृषि तथा कृषि से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में एक इंटर्न के नाते कार्य करने का और आधुनिक तकनीको में प्रशिक्षित होने का सुनहरा मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम के तहत 3-5 साल तक युवा किसान प्रशिक्षण पाएंगे और उचित मानदेय प्राप्त करेंगे।
यह संयुक्त प्रयास सतत फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और उन्नत तकनीकों और व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने का उद्देश्य रखता है। इस पहल का एक प्रमुख घटक तकनीकी इंटर्न प्रशिक्षण कार्यक्रम (TITP) है, जो भारतीय युवाओं को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उनकी रोजगार क्षमता और करियर की संभावनाएं बढ़ेंगी। TITP के माध्यम से चयनित तकनीकी इंटर्न पांच साल तक जापान में कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस अवधि के दौरान, वे जापानी कार्य संस्कृति, गुणवत्ता प्रबंधन और उन्नत प्रौद्योगिकियों का अमूल्य अनुभव प्राप्त करेंगे, साथ ही उन्हें आकर्षक मानदेय, स्वास्थ्य बीमा और कल्याण लाभ प्राप्त होंगे।
तीन साल की अवधि पूरी करने के बाद, इंटर्न विशिष्ट कुशल कार्यकर्ता की श्रेणी में शामिल होकर जापान में स्थाई निवासी बनकर अपना रोजगार जारी रखने का अवसर प्राप्त कर सकता है। HPCDP फेज-II केतहत, किसान समर्थन पहल के हिस्से के रूप में TITP/SSW कार्यक्रम को शामिल करने के लिए जायका इंडिया को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था।जायका इंडिया ने दिसंबर 2023 में स्वीकृति दी, और जनवरी 2024 में HP कृषि विकास सोसाइटी (HPADS) की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष से ₹ 3.00 करोड़ की बजट आवंटन के साथ “अगली पीढ़ी के लिए कार्यक्रम” के लिए अनुमोदन प्राप्त हुआ। HPKVN के सहयोग से, फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना क्षेत्र से लगभग 150 युवा कृषि इंटर्न को इस कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा।
इस कार्यक्रम के लिए फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना के क्षेत्र से 18-30 वर्ष की आयु के उम्मीदवार जिन्होंने कम से कम हाई स्कूल की शिक्षा पूरी की हो तथा कृषि कार्यों का उचित ज्ञान रखते हों, स्वास्थ्य संबधित फिट हों और जापानी भाषा सिखने की क़ाबलियत रखने वालों को ये सुनहरा अवसर मिल पायेगा।इस कार्यक्रम के अंतर्गत 6 से 9 महीने का जापानी भाषा का प्रशिक्षण दिया जायेगा और चयनित उम्मीदवारों को जापानी लैंग्वेज प्रोफेसेन्सीटेस्ट (JLPT N5) सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य होगा। TITP कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि क्षेत्र के इलावा लगभग 80 से ज्यादा अन्य क्षेत्रों में जैसे निर्माण, फल उत्पादन, मुर्गी पालन, डेयरी, ऑटो मोबाइल, कपड़ा, खाद्य विनिर्माण, आदि क्षेत्रों में युवाओं को जापान में इस तरह प्रशिक्षण और रोजगार के लिए नियोजित किया जा सकता है।