केंद्रीय जांच ब्यूरो चंडीगढ़ की एक अदालत ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में 2017 में गुड़िया रेप और मर्डर केस एक गवाह की हत्या के आरोप में गिरफ्तार 7 पुलिस अधिकारियों व जवानों को दोषी करार दिया है। हिमाचल के पुलिस महानिरीक्षक जहूर हैदर जैदी सहित सात अन्य को दोषी ठहराया गया है।
जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी ठियोग मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, एचएचसी मोहन लाल, एचएचसी सूरत सिंह, एचसी रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा शामिल हैं।
वहीं तत्कालीन एसपी शिमला डीडब्ल्यू नेगी को बरी कर दिया गया है।
ये था पूरा मामला
4 जुलाई, 2017 को शिमला जिले के कोटखाई की एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में उसका शव मिला था। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस केस की जांच पहले SIT कर रही थी। तत्कालीन IG जहूर जैदी की अध्यक्षता में गठित SIT ने रेप-मर्डर के आरोप में एक स्थानीय युवक सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस हिरासत में हुई थी सूरज की मौत
वही आपको बता दें कि इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी। उधर, जब इस मामले में न्याय की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए और हिमाचल प्रदेश में कई जगह उग्र प्रदर्शन हुए तो यह केस CBI के हवाले कर दिया गया था। CBI ने ही इस मामले का खुलासा किया था। CBI ने गुड़िया रेप-मर्डर और सूरज हत्याकांड में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए।
सूरज हत्याकांड में IG जैदी सहित 9 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया और इनके खिलाफ कोर्ट में चालान भी पेश किया गया।
28 अप्रैल को जिला अदालत ने सुनाया था ये फैसला
वहीं आपको बता दें कि 28 अप्रैल को इस बहुचर्चित केस में शिमला जिला अदालत में विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की अदालत ने 28 वर्षीय अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ चरानी को दोषी करार दिया है। धारा 372 (2) (1) और 376 (A) के तहत दुराचार का दोषी माना।