
केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों की हिमाचल प्रदेश इकाई ने शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य स्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया। अधिवेशन में प्रदेशभर से सैकड़ों मजदूरों ने भाग लिया। अधिवेशन का उद्घाटन सीटू राष्ट्रीय सचिव कश्मीर सिंह ठाकुर ने किया। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के खिलाफ प्रदेशभर में 9 अगस्त को जिला व ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। इन नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। जनता की अपनी अवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खर्च करने की क्षमता घट रही है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। जनता को बाजार से महंगा राशन लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है।
मजदूर नेताओं ने कहा कि आज संघर्ष केवल आजीविका और काम करने की स्थिति की तत्काल मांगों के लिए नहीं है बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए है, हमारे समाज के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र को इस सांप्रदायिक और निरंकुश भाजपा-आरएसएस शासन से बचाने के लिए भी है। उन्होंने देश भर के मजदूरों व कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे अपनी जायज मांगों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें और भाजपा-आरएसएस के नवउदारवादी, साम्प्रदायिक और निरंकुश शासन पर रोक लगाएं।