मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जा रहा है: धर्माणी

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तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर और समृद्धशाली राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में प्रदेश में वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित किया जा रहा है और राज्य के संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित कर प्रदेश का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण को विशेष प्राथमिकता प्रदान की गई है। कृषि उत्पादों को बाजार से जोड़ा जा रहा है। प्राकृतिक पद्धति से उगाए गए गेहूं के लिए 40 रुपये और मक्की के लिए 30 रुपये प्रतिकिलोग्राम न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। हिमाचल प्रदेश गेहूं, मक्की और दूध की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक पद्धति से उगाई 400 मीट्रिक टन मक्की की खरीद सुनिश्चित की गई है। बाजार में मक्की का बेहतर विपणन सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने हिम-भोग आटा लॉन्च किया है ताकि किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम मिल सकें।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में हिम-भोग मक्की आटे की मांग बढ़ रही है और लोगों को डिपुओं के माध्यम से आटे की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

धर्माणी ने कहा कि इसी तरह गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 45 रुपये और भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। राज्य में डेयरी सेक्टर को विस्तार देने के उद्देश्य से दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। जिला शिमला के दत्तनगर में 50 हजार मीटर लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र को शुरू किया गया है। जिला कांगड़ा के ढगवार में 1.50 से 3 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र को स्थापित किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र के 35 हजार किसान लाभान्वित होंगेे। इसी प्रकार कुल्लू, नाहन, नालागढ़, ऊना और हमीरपुर में भी अत्याधुनिक तकनीक से लैस 50-50 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन संयंत्रों में दूध से बनने वाले उत्पाद जैसे घी, मक्खन, पनीर, लस्सी और फ्लेवर्ड मिल्क का उत्पादन सुनिश्चित किया जाएगा ताकि किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर दाम मिल सकें। सरकार दूरस्थ गांवों में भी दूध खरीद केन्द्र स्थापित कर रही है, जिसके की दूध खरीद में इजाफा देखने को मिला है। छोटे किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से जैविक खाद और वर्मी कंपोस्ट खरीदने की योजना की शुरूआत की है। प्रदेश सरकार नेे मनरेगा की दिहाड़ी में 60 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि कर इसे 240 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और वर्तमान प्रदेश सरकार पर्यटन क्षेत्र को नये आयाम देने के दृष्टिगत कार्य कर रही है। इस दिशा मेें प्रदेश सरकार ने गोबिन्द सागर झील सहित अन्य जलाशयों में शिकारा, हाउसबोट, जेट-स्की इत्यादि सुविधाएं शुरू की गई हैं। पर्यटकों को बेहतर हवाई सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तारीकरण कार्य प्रगति पर है, जिसके लिए 3500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं तथा अधिग्रहण के लिए भूमि मालिकों को 355 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। प्रदेश में 16 हेलीपोर्ट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक्साइज, टूरिज्म, पॉवर और माइनिंग पॉलिसी में आवश्यक बदलाव कर दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। यह कदम प्रदर्शित करता है कि प्रदेश सरकार राजस्व अर्जन की दिशा में कार्य कर रही है ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों के विकास कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध हो।

उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने केवल राजनीतिक लाभों को ध्यान में रखते हुए सुविधा संपन्न लोगों को रेवड़िया बांटने का काम किया जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार का उद्देश्य समाज के वंचित और कमजोर वर्गों का कल्याण और उत्थान सुनिश्चित करना है। वर्तमान राज्य सरकार जनहित की दिशा में कार्य कर रही है और किसी भी कीमत पर प्रदेश की अमूल्य संपदा को लुटने नहीं दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने समाज के सुविधा संपन्न वर्गों से स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी का त्याग करने की मुहिम शुरू की है और प्रदेश के लोग इस मुहिम में बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं।

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