मॉनसून सत्र के आठवें दिन आज प्रश्नकाल के दौरान APMC शिमला एवं किन्नौर द्वारा 70 दुकानों के आबंटन में धांधली का मामला विपक्ष ने उठाया और आबंटन की न्यायिक जांच की मांग की। रणधीर ने आरोप लगाया कि कम किराए पर सरकार ने अपने चहेतों को दुकानों दी है, और अधिकारियों को ट्रांसफर करके मामले को दबाने का प्रयास किया गया है। हालांकि कृषि मंत्री ने जवाब में कहा कि APMC ने 70 दुकानों को नियमों के तहत आबंटित किया है और विपक्ष बेबुनियाद आरोप लगा रहा है। जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि APMC की दुकानों के आबंटन में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है और जब सदन में मामला उठाया गया तो जांच के बजाय मंत्री आबंटन को सही करार देने लगे जबकि कम किराए पर दुकानें अपने चहेतों को आबंटित की गई।
वहीं भाजपा विधायक रणधीर शर्मा और बलबीर सिंह वर्मा ने कहा कि APMC ने दुकानों के आबंटन में भाई भतीजावाद किया है।पराला सब्जी मंडी में 5 हजार में दुकानें किराए पर दी गई हैं जबकि 10 साल पहले 50 से 80 हजार की दुकानें दी गई थीं। सरकार जांच से भाग रही है और अगर इसमें जांच होती है तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आएगा। सरकार इसमें न्यायिक जांच करवाएं मामला किसानों से जुड़ा है। दुकानों के अलावा पराला CA स्टोर, फूड प्रोसेसिंग प्लांट में भी बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। भाजपा की सरकार बनने पर इसकी जांच की जाएगी।