नवरात्र मेले के लिए मंदिरों को सजाया गया, भक्तों के लिए विशेष पूजा-अर्चना
नवरात्र के आगमन के साथ ही हिमाचल के प्रमुख शक्तिपीठ रंग-बिरंगे फूलों और आकर्षक लाइट्स से सज गए हैं। इस दौरान मंदिरों में माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और भोग के रूप में विशेष व्यंजन लगाए जाएंगे। चिंतपूर्णी मंदिर पूरे नवरात्र के दौरान 24 घंटे भक्तों के लिए खुला रहेगा। प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक नवरात्र मेले का आयोजन किया जाएगा।
ब्रजेश्वरी मंदिर में सप्तचंडी पाठ
श्री ब्रजेश्वरी देवी मंदिर सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा। अष्टमी के दिन रात दो बजे मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। नवरात्र के दौरान यहाँ सप्तचंडी पाठ का आयोजन किया जाएगा। पुजारी राम प्रसाद ने बताया कि सुबह पांच बजे मां का स्नान, श्रृंगार और आरती के बाद चना-पूरी, मेवे और दूध का भोग लगाया जाएगा।
चामुंडा मंदिर में अष्टमी पर विशेष पूजा
श्री चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्र पर माता को विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। पुजारी ओम व्यास के अनुसार, अष्टमी के दिन मंदिर सुबह पांच बजे खुल जाएगा और रात दस बजे बंद होगा। सुबह मां के स्नान और श्रृंगार के बाद आठ बजे आरती होगी। अष्टमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा।
ज्वालाजी मंदिर में सातवीं, अष्टमी और नवमी पर दिन-रात पूजा
ज्वालाजी मंदिर सुबह चार बजे से भक्तों के लिए खुला रहेगा और रात तक मंदिर में श्रद्धालुओं की लाइन खत्म होने तक पूजा जारी रहेगी। पुजारी अनिल शर्मा ने बताया कि सुबह मां का स्नान और श्रृंगार किया जाएगा और भोग में मालपूड़े, पीले चावल और दही अर्पित किए जाएंगे।
चिंतपूर्णी मंदिर के कपाट सुबह तीन बजे खुलेंगे
चिंतपूर्णी मंदिर में नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं के लिए सुबह तीन बजे से मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। मंदिर कुछ समय के लिए मां के श्रृंगार और भोग के लिए बंद रहेगा। पुजारी रविंद्र छिंदा ने बताया कि सुबह चार बजे स्नान और श्रृंगार के बाद आरती के साथ भोग अर्पित किया जाएगा।
श्री नयनादेवी मंदिर में एक साथ चार आरतियां
श्रीनयनादेवी मंदिर नवरात्र के दौरान रात 12 से दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा। इस दौरान मां का स्नान और श्रृंगार किया जाएगा और एक साथ चार आरतियां अर्पित की जाएंगी। पुजारी तरुणेश शर्मा ने बताया कि दोपहर 12 से साढ़े 12 बजे तक और शाम को मां को विशेष भोग अर्पित किए जाएंगे।