प्रदेश में प्राइमरी-मिडिल स्कूल के बाद अब सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज होंगे डी-नोटिफाई, शिक्षा मंत्री बोले कम संख्या और एनरोलमेंट को बनाया गया आधार

Himachal News

शिमला

हिमाचल प्रदेश में 1094 प्राइमरी और मिडिल स्कूल बंद करने के बाद सरकार अब सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज डी-नोटिफाई करने की तैयारी में है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कम संख्या और एनरोलमेंट के आधार पर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज डी-नोटिफाई किए जाएंगे. वहीं SMC शिक्षकों के मामले में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार गंभीरता से काम कर रही है. LDR के माध्यम से शिक्षकों को विभाग में ऑब्जर्व करने की प्रक्रिया की जा रही है

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम संख्या और लगातार घटती एनरोलमेंट के आधार पर शिक्षण संस्थाओं को बंद या मर्ज करने का फैसला सरकार ने लिया है. रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 100 से कम एनरोलमेंट वाले कॉलेज को बंद करने का निर्णय लिया है. प्रदेश में ऐसे तकरीबन 21 कॉलेज हैं. रोहित ठाकुर ने कहा कि इसमें से दो कॉलेज ऐसे हैं जो कभी शुरू ही नहीं हुए. रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में जिन सेकेंडरी पाठशाला में छठी से 12वीं तक तक साथ कक्षाओं में संख्या 25 से कम हैं उन्हें बंद या मर्ज किया जाएगा. हालांकि दूर दराज इलाकों में यह संख्या 15 रखी गई है. इसके अलावा 11वीं 12वीं में सिंगल डिजिट इनरोलमेंट होने को भी स्कूलों के डिनोटिफाई करने के लिए आधार बनाया गया है. रोहित ठाकुर ने कहा कि इससे पहले 1094 मिडिल और प्राइमरी स्कूलों को डीनोटिफाई अथवा मर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि इनमें से 975 स्कूलों में एक भी बच्चा नहीं था और जीरो एनरोलमेंट थी. वहीं 419 स्कूलों में 694 बच्चे पढ़ रहे थे जिनको साथ स्कूलों में मर्ज किया गया.

वहीं SMC शिक्षकों के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि SMC शिक्षकों के प्रदेश सरकार की पूरी सहानुभूति है उन्होंने कहा कि यह शिक्षक पिछले 10 से 15 सालों से प्रदेश की दूर दराज इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. सरकार उनके विषय को गंभीरता से देख रही है और 2400 के करीब smc शिक्षकों को शिक्षा विभाग में ऑब्जर्व करने जा रही है. उन्होंने कहा कि एलडीआर के माध्यम से इसकी प्रक्रिया शुरू भी हो गई है. SMC शिक्षक कुछ बातों को लेकर आशंकित थे जिन्हें हाल कर दिया गया है. उन्होंने SMC शिक्षकों हड़ताल बंद करने के निर्णय पर आभार जताया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *