बजट सत्र 10 मार्च से 28 मार्च तक प्रस्तावित, 16 बैठकों वाले इस सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी चर्चा

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17 मार्च को मुख्यमंत्री करेंगे तीसरा बजट पेश, 26 मार्च को होगा बजट पारित

हिमाचल प्रदेश बजट सत्र 10 मार्च से लेकर 28 मार्च तक चलेगा जिसमें 10 तारीख को राज्यपाल महोदय का अभिभाषण होगा और इस पर चार दिन चर्चा चलेगी 17 तारीख को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी सरकार का तीसरा वित्तीय बजट 2025 26 पेश करेंगे । चार दिन बजट पर चर्चा होगी और तीन दिन कट मोशन पर चर्चा लाई जाएगी और 26 तारीख को बजट पारित किया जाएगा इस सत्र में 16 बैठकर होगी और सरकार चाहती है कि विधानसभा के अंदर एक सार्थक चर्चा हो और विपक्ष बजाए वर्कआउट के सदन के भीतर सार्थक चर्चा में हिस्सा ले और अच्छे सुझाव दे जिस पर सरकार अमल करेगी सरकार की जो त्रुटियां हैं एवं कमियां हैं वह सदन के अंदर उजागर करें ताकि उन त्रुटियों को सही करने का प्रयास किया जा सके। उम्मीद की जाती है कि सदन विपक्ष सार्थक चर्चा में हिस्सा लेगा क्योंकि सदन जनता के मुद्दों को रखने के लिए एक उचित प्लेटफॉर्म है जहां पर इस प्रदेश की जनता की समस्याओं को उजागर किया जाता है और माननीय विधायक सदन के अंदर उन्हें रखते हैं और सरकार उन मुद्दों को गंभीरता से लेती है और उन मुद्दों पर कार्रवाई भी की जाती है। हम चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा की जो उच्च परंपराएं हैं उनका जो निर्वहन है हमारे विपक्ष के नेता एवं विपक्ष के विधायक उसको करें। यह बात बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है कि सदन से पहले सर्व दिल्ली बैठक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रखी जाती है पिछले दो सदनों के दौरान विपक्ष ने जो पार्टी मीटिंग से अपना किनारा किया यह एक अच्छी परंपरा नहीं है जब हम विपक्ष में थे तो जब भी जो पार्टी मीटिंग होती थी तो हम उन बैठकों में जाते थे और विधानसभा अध्यक्ष को आश्वासन दिया जाता था कि हम सुचारू रूप से सदन के कार्रवाई को चलाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन जो है वह कांग्रेस पार्टी का सदन नहीं है और ना ही अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के होते हैं वह सभी विधायकों के प्रतिनिधि होते हैं वह सभी दलों का ध्यान रखकर सदन की कार्रवाई करते हैंवही विधायक प्राथमिकता की बैठक से विपक्ष में दर्द किनारा किया जिसके चलते यह साफ पर नजर आता है कि विपक्ष अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रति कितनी गंभीर है। विपक्ष के विधायकों को जो उनकी जनता ने जिम्मेदारी दी है वह उसे जिम्मेदारी से भाग रहे हैं विपक्ष जनता की समस्या उठाने के लिए गंभीर नहीं है। इस प्लेटफार्म के माध्यम से जनता की समस्याएं उठाई जा सकती हैं क्योंकि ऐसी बैठकों में सरकार की ओर से उच्च अधिकारी मौजूद होते हैं और जो भी समस्याएं होती हैं उनका निदान इस तरह के मंचों पर किया जा सकता है। हर्षवर्धन ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे तो हम इस तरह की बैठक में हमेशा जाते थे ताकि जनता को की समस्याओं का समाधान इस तरह के मंचों द्वारा कराया जा सके। इस तरह की हरकत कर कर कहीं ना कहीं विपक्ष अपनी जिम्मेदारी से भागने का प्रयत्न कर रहा है।

विओ : हिमाचल प्रदेश में बढ़ते नशे को लेकर हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह नशे का कारोबार न केवल हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहा है बल्कि पूरे देश भर में नशे का कारोबार लगातार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है हिमाचल प्रदेश में तो बीते 2 सालों में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह की अध्यक्षता में चित्र के खिलाफ तथा सिंथेटिक नशे के खिलाफ शक्ति से कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं । यदि शिमला जिला की बात की जाए तो पुलिस द्वारा जिला शिमला में नशे के कारोबारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए रेड की है और ऐसे सौदागरों और इस कारोबार में सरकारी कर्मचारी जो संकल्पित हैं उन्हें खिलाफ कभी कारवाई कर सलाखों के पीछे धकेला है । यह पूरे हिंदुस्तान का नेक्सस है जिन्हें ट्रेस करना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और हिमाचल सरकार ने जो है बहुत दुख भी काम किया है यदि बीते वर्षों के आंकड़े देखे जाएं तो बीते 2 सालों में हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा पकड़े गए वह इसलिए पकड़े गए हैं क्योंकि पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है जो बड़े-बड़े नेक्सस बने हैं उन्हें तोड़ने की कोशिश की जा रही है जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश की पुलिस में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है ।

विओं: केंद्रीय बजट को लेकर नेता प्रतिपक्ष तथा दिल्ली से आए केंद्रीय राज्य मंत्री रेल एक औपचारिकता पूरा करने आए थे और मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए आए थे और उनके साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी बातें बोलते रहते हैं यह बात ठीक है कि केंद्र से हमें पैसा मिलता है और विभिन्न वर्गों में वह पैसा प्रदेश सरकार को दिया जाता है वह चाहे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना हो प्रधानमंत्री आवास योजना हो केवल हिमाचल प्रदेश ऐसा राज्य नहीं है जो कि केवल हिमाचल प्रदेश को ही इस तरह का बजट में प्रावधान किया जाता है यह देश के हर प्रदेश को बजट का हिस्सा मिलता है विभिन्न योजनाओं के तहत जो पैसा केंद्र द्वारा बजट में दिया जाता है वह राज्यों का हक होता है जो उन्हें मिलता है । उसे बात से कभी इंकार नहीं किया गया है परंतु 2023 में 10000 करोड़ जो की आपदा के कारण प्रदेश में नुकसान हुआ था जिसका जायजा लेने के लिए केंद्र से एजेंसियां भी आई थी उसके बावजूद भी हिमाचल प्रदेश को उसमें कुछ भी अभी तक नहीं मिला है । हमारा जो नई पेंशन स्कीम के तहत 9 करोड रुपए का जो केंद्र के पास पड़ा है वह अभी तक हिमाचल प्रदेश को नहीं मिला है क्योंकि अब हिमाचल प्रदेश है एनपीएस के बजाय ओल्ड पेंशन स्कीम में आ गया है वह दिलदारी अभी केंद्र के पास ही पड़ी है। लगातार इस विषय पर मुख्यमंत्री मांग करते रहे हैं कि यह पैसा हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के इस पैसे को वापस किया जाए परंतु केंद्र सरकार उसे पर कुंडली मारकर बैठी हुई है । आज जो प्रदेश की हालत खराब हुई है वह केंद्र सरकार द्वारा ही की गई है क्योंकि जो केंद्र द्वारा प्रदेश को रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट मिलती है उसमें भी निरंतर कटौती की जा रही है । 2022-23 में 10000 करोड़ की थी 23 24 में घटकर वह 8:30 हजार करोड़ रह गई 2024- 25 में वह 66200 करोड़ घटकर रह गई है और इस वर्ष 2025 26 में घटकर वह घट कर 3200 करोड़ रह जाएगी केंद्र सरकार इसे जानबूझकर समय-समय पर घट रही है ताकि प्रदेश के विकास को रोकने का प्रयास किया जा रहा है परंतु कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में विकास के पहिए को रुकने नहीं दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार हमारी भरपूर मदद करें। हमारी जो जीएसटी कलेक्शन थी जो हमें कंपनसेशन मिलता था वह 2022 में बंद हो गया है और जो अनुमान था कि हर साल 14 फ़ीसदी ग्रोथ होगी वह इसी कारण से नहीं हुई है उसको लेकर भी केंद्र सरकार को हमें काम पंचायत करना चाहिए वही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सिद्धू के मित्रता में उद्योग विभाग में दो से ढाई हजार करोड़ प्रदेश में अतिरिक्त अपने संसाधनों से जुटाया है । हमने आलतू फालतू खर्चों को घटाने का प्रयास किया है। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो प्रदेश में माइनिंग विभाग का रेवेन्यू 240 करोड़ था उसे बढ़कर इस साल हमने 314 करोड़ किया है जो 74 करोड़ बड़ा है जो के इतिहास में पहली बार हुआ। हर विभाग के माध्यम से यह कोशिश की जा रही है कि आई के स्रोतों एवं साधनों को बढ़ाया जा सके। इसी तरह की उम्मीद हम केंद्र सरकार से भी करेंगे बजट पर जो पाबंदियां प्रदेश पर लगाई गई है उन्हें उठाया जाए जो प्रदेश को केंद्र सरकार द्वारा आने वाले प्रोजेक्ट हैं या फिर विदेश से मिलने वाले प्रोजेक्ट हैं पहले उसमें कोई भी कैप्टन नहीं की जाती थी परंतु वर्तमान में उसे उनमें भी केंद्र सरकार ने कीपिंग पर ले 3000 करोड़ की लिमिट 3 साल के लिए करती है कहीं ना कहीं केंद्र प्रदेश सरकार पर लगातार पाबंदियां बढ़ा रहा और प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

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