हिमाचल प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन ने वन्यजीव सप्ताह के मौके पर शिल्ली मेहला गांव शिमला में चीड़ तीतर छोड़े

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हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्यजीव प्रभाग ने वन्यजीव सप्ताह 2024 के मौके पर आज शिमला जिले की ठियोग तहसील के शिल्ली मेहला गांव में 10 चीड़ तीतर पक्षी छोड़े। इन पक्षियों को सोलन जिले के खारियौन, चायल में स्थित वन विभाग के तीतर संरक्षण प्रजनन केंद्र में पाला गया था। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और हिमाचल प्रदेश के मुख्य वन्यजीव वार्डन श्री अमिताभ गौतम, आईएफएस मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने इन पक्षियों को धीरे-धीरे खुलने वाले पिंजरों (सॉफ्ट पेन) में छोड़ा। एक महीने तक इन पक्षियों को पिंजरों में रखकर उन्हें जंगली माहौल के लिए तैयार किया जाएगा, जिसके बाद इन्हें जंगल में छोड़ा जाएगा।

शिल्ली मेहला गांव के स्थानीय लोग इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं और विभाग की मदद कर रहे हैं ताकि यह प्रजनन कार्यक्रम सफल हो सके। चीड़ तीतर पक्षी को आईयूसीएन की रेड लिस्ट में “असुरक्षित” प्रजातियों की श्रेणी में रखा गया है। हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने 2007 में चीड़ तीतर संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया था, ताकि उन जंगलों में इन पक्षियों की संख्या फिर से बढ़ाई जा सके, जहां इनकी संख्या कम हो गई है। 2019 से अब तक इस प्रजनन केंद्र से 53 चीड़ तीतर पक्षी छोड़े जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जो तीतर संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम चला रहा है। यहां तीन प्रकार के तीतर – पश्चिमी ट्रैगोपन(जुजुराना) , मोनाल और चीड़ तीतर – पाले जा रहे हैं।

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