हिमाचल प्रदेश: जल शक्ति विभाग में ठेके पर भर्ती नहीं, 4,852 पद होंगे भरे

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शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में सचिवालय में चार घंटे चली बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। अब जल शक्ति विभाग में ठेके पर भर्ती नहीं होगी, बल्कि विभागीय स्तर पर 4,852 पदों को भरा जाएगा।

बैठक में पंप ऑपरेटर, पैरा पंप और पैरा फिटर के 1,726 पदों को भरने की मंजूरी दी गई। साथ ही, आउटसोर्स पर चल रहे 4,136 पदों को भी विभागीय स्तर पर नियमित करने का निर्णय लिया गया। इससे सरकार को हर साल 25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जबकि वर्तमान में 98 करोड़ रुपये ठेकेदारों को दिए जा रहे हैं।

इसके अलावा विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 111, जूनियर इंजीनियर के 100, करुणामूलक आधार पर 505 और हाइड्रोलॉजिस्ट के पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू होगी। जल रक्षकों को अब आठ साल बाद पंप अटेंडेंट बनाया जाएगा, पहले यह अवधि 12 साल थी।

अग्निहोत्री ने कहा कि पंप ऑपरेटर और पैरा फिटर को अब सम्मानजनक वेतन मिलेगा। साथ ही मल्टी टास्क वर्करों के लिए भी अलग नीति बनाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा से जल शक्ति विभाग को 1,476 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सात हजार से अधिक जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। केंद्र से जल जीवन मिशन के तहत 1,227 करोड़ रुपये अभी तक लंबित हैं।

HRTC पेंशनरों को जल्द मिलेगी पेंशन

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों और पेंशनरों को जल्द ही पेंशन जारी होगी। हालांकि निगम के 96 रूट घाटे में हैं और मानसून के दौरान बसों के खड़े रहने से नुकसान और बढ़ा है।

“आपदा को राजनीतिक मुद्दा न बनाएं”

अग्निहोत्री ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि आपदा को राजनीतिक एजेंडा न बनाया जाए। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1,500 करोड़ रुपये की सहायता राशि हिमाचल को एकमुश्त दी जाए।

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