शिमला
हिमाचल प्रदेश में 4 तारीख बीत जाने के बाद भी पेंशनर को पेंशन नही मिली है और लंबे समय से पेंशनर्स के भत्तों की अदायगी भी अधर में लटकी है। भत्तों की अदायगी व समय से पेंशन न मिलने पर अब पेंशनर संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। वीरवार को भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ ने शिमला स्थित चौड़ा मैदान में सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि ये प्रदेश सरकार की नालायकी है कि पूरी उम्र देश व प्रदेश की सेवा करने के बाद उन्हें आज अपने हक़ के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब से सरकार बनी है तब से हिमाचल प्रदेश के पूर्व कर्मचारी और वरिष्ठ नागरिक बुरी तरह से त्रस्त हुआ है। पूर्व कर्मचारियों को चिकित्सा भतें तक नहीं दिए गए है सरकार की इससे बड़ी सवेदनहीनता और कुछ नहीं हो सकती। घनश्याम शर्मा ने कहा कि दवाई के अभाव से कुछ वरिष्ठ नागरिक स्वर्ग सिधार गए। उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार के नेता जब बीमार होते है तो क्या उन्हें भी चिकित्सा भता नहीं दिया जाता इस पर उन्होंने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की भी बात कही। हजारों करोड़ों का एरियर सरकार के पास फंसा हुआ है लेकिन सरकार अपनी गलतियों का ठीकरा पूर्व सरकार पर फोड़ रही है। सरकार आर्थिक स्थिति का बहाना बना कर लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है। घनश्याम शर्मा ने कहा कि पेंशनरों की हजारों करोड़ों की देनदारियां बाकी है और अभी तक एक भी एरियर की किश्त नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि पहले एक तारीख की सभी पूर्व कर्मचारियों को पेंशन मिल जाती थी लेकिन अब हालत ये बन चुके है कि सरकार तोड़ मरोड़कर पेंशन दे रही है इससे बढ़ा वित्तीय कुप्रबंधन उन्होंने किसी सरकार में नहीं देखा।