जायका समीक्षा दल ने लाहौल और स्पीति के दो क्षेत्रों का दौरा किया

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जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जायका) की दो सदस्यीय समीक्षा मिशन टीम ने मंगलवार 29 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना द्वितीय के अंतर्गत जनजातीय जिले लाहौल स्पीति में विकसित दो उप-परियोजनाओं जोबरंग और यारती-तिन्नो का दौरा किया। इस जायका समीक्षा मिशन मैं दोनों ही महिलाएं हैं जिन्होंने सर्व महिला प्रशासित जिला का दौरा किया। समीक्षा मिशन में परियोजना निर्माण सलाहकार सुश्री इनागाकी युकारी विकास विशेषज्ञ सुश्री निष्ठा वेंगुर्लेकर शामिल हैं। परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान, इस जायका समीक्षा मिशन के परियोजना क्षेत्रों के चार दिवसीय दौरे में साथ हैं, जिसका समापन आगामी एक मई को होगा। जोबरंग में किसान मेले में 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया, जबकि तिन्नो में 120 किसानों ने भाग लिया। मिशन टीम ने जोबरंग उप परियोजना क्षेत्र में ट्रांजैक्ट वॉक के दौरान आलू, फूलगोभी के खेतों और प्राकृतिक खेती के प्रदर्शन भूखंडों का दौरा किया। किसान मेलों में समीक्षा मिशन टीम ने आधुनिक कृषि मशीनरी की प्रदर्शनी का दौरा किया और किसानों के साझा हित समूहों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लाए गए कृषि उपज और उत्पादों को देखा। समीक्षा यात्राओं के दौरान परियोजना के वरिष्ठ सलाहकार बलजीत सिंह संधू, वित्त अधिकारी प्रदीप शर्मा भी मौजूद थे। उप-परियोजना जोबरंग लाहौल – स्पीति जिले के अंतर्गत आती है और इसका निर्माण 72.29 लाख रुपये की लागत से किया गया है। यह 55.66 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र को कवर करती है और 84 परिवारों को लाभान्वित करेगी । आलू, मटर और फूलगोभी इस उप-परियोजना की प्रमुख व्यापरिक फसलें हैं। दूसरी ओर, उप-परियोजना यारती-तिन्नो लाहौल और स्पीति जिले की कोलोंग पंचायत के अंतर्गत आती है। उप-परियोजना का प्रवाह सिंचाई बुनियादी ढांचा 55.10 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है, जो 35 किसान परिवारों को लाभान्वित करते हुए 25 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र को कवर करता है। आलू और मटर इस उप-परियोजना की प्रमुख व्यापरिक फसलें हैं।इस अवसर पर राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई से उप परियोजना निदेशक डॉ. राजेश कुमार (एमपीएच), डॉ. डीडी शर्मा (एई) और डॉ. करतार सिंह (एसडब्ल्यूसी), पीएमसी के सह-टीम लीडर इंजी. अनिल अग्रवाल और कृषि विशेषज्ञ डॉ. आरके शर्मा, जिला परियोजना प्रबंधक मंडी डॉ. हेम राज और ब्लॉक परियोजना प्रबंधक-कुल्लू डॉ. गोपाल चंद भारद्वाज और जिला इकाई के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। हिमाचल प्रदेश में जायका कृषि परियोजना के 1010 करोड़ रुपये के दूसरे चरण की जुलाई 2021 में हुई शुरुआत के बाद से यह परियोजना क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मिशनों का छठा दौरा है। परियोजना की अवधि 2029 तक है, जिसमें 306 उप-परियोजनाओं के तहत 8,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रदान करना और 25,000 किसान परिवारों की समृद्धि के लिए प्रतिकृति फसल विविधीकरण मॉडल स्थापित करना शामिल है।

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