स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का शिमला से जारी संयुक्त प्रेस वक्तव्य

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स्वास्थ्य मंत्री डा. (कर्नल) धनीराम शांडिल और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां जारी एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा है कि प्रदेश सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर 11 दिसंबर को बिलासपुर मंे आयोजित महारैली की सफलता से भाजपा भौचक्की है और भाजपा नेता हताशा में बचकाना बयानबाजी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिलासपुर रैली में उमड़ा 50 हज़ार से अधिक जन सैलाब इस बात का गवाह बना है कि प्रदेश की प्रबुद्ध जनता का अपार समर्थन और विश्वास मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह की अगुवाई वाली सरकार पर निरंतर बरकरार है। इस रैली मंे जितनी भारी संख्या में पूरे प्रदेश के लोगांे ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, उससे यह एक बार फिर साफ हो गया है कि राज्य सरकार की नीतियां व कार्यक्रम जनता की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा जनकल्याण की दिशा मंे लिए गए ऐतिहासिक फैसलों पर मुहर लगाई है।

मंत्रियों ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ नेता सुर्खियां बटोरने के लिए आए दिन आधारहीन बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि झूठ के पांव नहीं होते। झूठ फैलाकर न तो वे जनता को भ्रमित कर पाएंगे और न ही लोकप्रियता हासिल कर सकते हैं। बहुत कम संसाधनों और सादगी के साथ आयोजित बिलासपुर की रैली में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर 25 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होने का हास्यास्पद् आरोप लगा रहे हैं। लेकिन वह इस बात को भूल गए हैं कि पूर्व भाजपा सरकार के सालाना जश्नों में सरकारी धन का कितना दुरूपयोग किया गया। वर्तमान सरकार पर तंज कसने से पहले भाजपा के शीर्ष नेताओं की आवभगत सहित प्रचार तंत्र पर भाजपा सरकार ने किस प्रकार प्रदेश का खजाना लुटाया, उन्हें इसका हिसाब रखना चाहिए।

डा. शांडिल और रोहित ठाकुर ने कहा कि वास्तविकता यह है कि प्रदेश भाजपा में अंदरूनी तौर पर जबरदस्त कलह चल रही है और हर नेता अपने आपको पार्टी को सबसे बड़ा हितैषी साबित करने के लिए मीडिया में बचकाना बयानबाजी पर उतारू है। पार्टी में बाहर से आए नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए बड़े-बड़े झूठ बोल रहे हैं जिससे भाजपा के अपने काडर के नेता अनदेखी से बहुत व्यथित और दुःखी हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्यपाल को सौंपेे ज्ञापन में प्रदेश सरकार पर फिजूलखर्ची, भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी और वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं जो वास्तविकता के बिलकुल उलट हैं। दरअसल, यह सारे आरोप पूर्व भाजपा सरकार पर लगे थे जिसके कारण हिमाचल की जनता ने उसे सत्ता से बाहर कर प्रदेश की बेहतरी के लिए कांग्रेस पार्टी को सत्ता का दायित्व सौंपा।

मंत्रियों ने कहा कि भाजपा का झूठ कहीं टिक नहंी पाएगा क्यांेकि लोग भली-भांति जानते हैं कि वर्तमान राज्य सरकार न केवल फिजूलखर्ची रोकी है बल्कि वित्तीय संसाधन बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं जिससे एक साल में ही सरकार को 2600 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।

भाजपा के कार्यकाल के दौरान हि.प्र कर्मचारी चयन आयोग में युवाओं के साथ बड़े पैमाने पर खिलवाड़ हुआ जिसके कारण भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य चयन आयोग खोलना पड़ा।उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने 15 महीनों के कार्यकाल में ही चुनाव के समय जनता को दी गईं 10 गारंटियों में से पांच को पूरा कर यह सिद्ध किया है कि सरकार ने हिमाचल के ठोस विकास की नींव रखी है। बाकी पांच गारंटियों को भी जल्दी ही पूरा करने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। प्रदेश सरकार वर्ष 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर और 2031 तक सबसे समृद्ध राज्य बनाने के दृढ़संकल्प पर कार्य कर रही है।मंत्रियों ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपाई नेता प्रदेश के विकास में सकारात्मक सहयोग देने के बजाय लगातार बाधाएं पहंुचाने का काम कर रहे हैं।

प्रदेशवासियों को आस थी कि केंद्र में भाजपा शासित सरकार होने के कारण वे हिमाचल के हितों की पैरवी करते लेकिन इसके विपरीत जनादेश के खिलाफ जाते हुए उन्होंने धन-बल से पूर्ण समर्थन वाली लोकप्रिय सरकार को अस्थिर करने के लिए कई षड़यंत्र रचे। उन्होंने कहा कि भाजपा की इन घिनौनी हरकतांे को जनता कभी माफ नहीं करेगी और आने वाने समय में भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।

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