शिमला:- हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में बरठीं क्षेत्र के पास भल्लू में हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में सेना के जवान विपिन कुमार के परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई, जिससे गांव में मातम पसरा हुआ है। हादसे ने एक पिता से उसके दोनों नन्हे बच्चे छीन लिए, वहीं दो मासूमों से उनकी मां भी हमेशा के लिए बिछड़ गई। बरठीं अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव फगोग गांव पहुंचे, पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। ढाई घंटे बाद चारों को अंतिम विदाई दी गई। हादसे में जान गंवाने वालों में फगोग गांव की अंजना कुमारी, जो सेना के जवान विपिन कुमार की पत्नी थीं, उनके दो बेटे नक्श (7) और आरव (4), और विपिन के भाई राजकुमार की पत्नी कमलेश कुमारी शामिल हैं। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है और पीड़ित परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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बिलासपुर जिले के बरठीं क्षेत्र में हुए इस दर्दनाक हादसे में मृतक परिवार समारोह में शामिल होकर घर लौट रहा था। सभी रिश्तेदार एक ही गांव से थे और समारोह में शामिल होने के बाद लौट रहे थे। अंजना कुमारी के पति, सेना में जम्मू-कश्मीर में तैनात विपिन कुमार और कमलेश के पति राजकुमार उस वक्त काम पर थे। दोनों ने परिवार को कहा था कि वे टैक्सी किराये पर लेकर जाएं, लेकिन महिलाओं की जिद पर वे बस से ही लौटने पर अड़े रहे। अगर टैक्सी से लौटे होते तो शायद यह दर्दनाक हादसा टल जाता। हादसे में जख्मी हुए राजकुमार के दोनों बच्चे शौर्य और आयुषी को एम्स से छुट्टी मिल चुकी है। आठ वर्षीय नन्हा शौर्य अस्पताल से घर लौटने पर अपने परिवार के चार शवों के सामने स्तब्ध रह गया। इसी परिवार की चार अर्थियां एक साथ उठने का गम पूरे बरठीं, फगोग और आसपास के गांवों में छा गया। शौर्य ने अपने हाथों से अपनी मां, ताई और दोनों भाइयों को मुखाग्नि दी, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। अंजना कुमारी और छोटे बेटे आरव की चिता एक साथ सजाई गई, जबकि बड़े बेटे नक्श और ताई कमलेश की चिता अलग रखी गई थी। इस भावुक क्षण ने पूरे इलाके को एक साथ झकझोर कर रख दिया।