शिमला || सुरजीत ठाकुर
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने NHAI के अधिकारियों की ओर से FIR में लगाए गए अभी आरोपों को नकारा है. उन्होंने कहा कि उनके ऊपर दर्ज हुई FIR तथ्यहीन है. एनएचएआई अधिकारियों की लापरवाही से भट्टाकुफर की माठू कॉलोनी में 5 मंजिला बिल्डिंग गिरी है. इसके साथ ही 8 घरों को खतरा पैदा हो गया, जिन्हें खाली करा दिया गया है. एनएचएआई अधिकारी जानते हैं कि यह बड़ा मुद्दा बनेगा. ऐसे में इसे कवर-अप करने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. मारपीट का आरोप लगाने वाले अधिकारियों ने ही साजिश रची. जिन अधिकारियों की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई है, वो खुद अस्पताल तक नहीं पहुंचे और न ही कोई एडमिट हुआ. अधिकारी अपनी जवाबदेही से बचने के लिए इस तरह की साजिश रच रहे हैं. केंद्रीय मंत्री को दिल्ली में बैठकर हालत का पता नहीं है. इस मामले में वह नितिन गडकरी से खुद मुलाकात करेंगे।
कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आरोप लगाया कि NHAI नेशनल प्रोजेक्ट के तहत जो नेशनल हाईवे बन रहा है, उसमें बहुत बड़ी धांधलियां सामने आ रही हैं. फोरलेन निर्माण के दौरान लोगों के घर गिर रहे हैं, लेकिन NHAI को लोगों की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है. नेशनल हाईवे बनाने के नाम पर बहुत बड़ी धांधली हो रही है. केंद्रीय सरकारी एजेंसी ठेकेदारों और NHAI के अधिकारियों का एक नेक्सस है, जिनको आम जनता से कोई भी मतलब नहीं है.उन्होंने कहा कि परवाणु से ढली फोरलेन निर्माण में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है. इस फोरलेन निर्माण की वजह से भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाओं से कई लोग मरे हैं. जिसको लेकर डीसी और एसडीएम के पास 500 से 700 शिकायतें दर्ज हुई हैं. इसके अलावा थानों में FIR भी दर्ज की जा चुकी हैं. वहीं, शिमला से शोधी के बीच कटिंग से दर्जनों घर गिरे हैं. उन्होंने कहा कि जब भवन गिरा, अधिकारी मीटिंग ले रहे थे. एक्शन कुछ नहीं हुआ. फाइलों में इधर-उधर बातों को घुमाया जाता है. एनएचएआई अधिकारियों ने जनता के साथ अभद्र व्यवहार किया. जिसको लेकर लोगों ने ढली थाना में NHAI अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई हैं।
उन्होंने कहा कि परवाणू से लेकर ढली तक एनएच बना है. इसमें कितने लोग मरे हैं, ये सिर्फ मुआवजा देने की बात करते हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि मुआवजा कितने लोगों को मिला है. एनएचआई के खिलाफ ढेरों शिकायतें पड़ी हैं. हम विकास के खिलाफ नहीं हैं. हम उन अधिकारियों के खिलाफ हैं, जो घटिया डंगे लगा रहे हैं, जो ठेकेदारों से मिलकर गलत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि NHAI के अफसर किसी की नहीं सुनते और उनकी जवाबदेही तय नहीं की जाती।
अनिरुद्ध सिंह ने केंद्र सरकार से इस संबंध में एक राष्ट्रीय नीति (नेशनल पॉलिसी) बनाने की मांग की, ताकि सड़क निर्माण से होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी तय की जा सके. उन्होंने कहा कि मैं खुद 20 साल से राजनीति में हूं और जनता का दर्द को समझता हूं. प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही को लेकर खुद मुख्यमंत्री से बात की थी।