11 नहीं 13 फीसदी डीए लंबित, आर्थिक स्थिति का बहाना न बनाएं मुख्यमंत्री, जब डीए नहीं दे सकते तो OPS कहां से देंगे, सरकार ने जल्द डीए नहीं किया जारी तो बड़े आंदोलन की तरफ बढ़ेंगे कर्मचारी।
डीए की अदायगी में हो रही देरी को लेकर कमर्चारियों ने सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दे दी है। हिमाचल अध्यापक संघ के अध्यक्ष और संयुक्त कर्मचारी महासंघ नेता वीरेंद्र चौहान ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर सरकार को आगाह किया है कि सरकार आर्थिक स्थिति ठीक न होने का हवाला देकर कर्मचारियों के डीए को लटकाने का काम न करें। जब सरकार कर्मचारियों को डीए तक नहीं दे पा रही है तो OPS कहां देगी। कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है ऐसे में अगर सरकार ने समय रहते डीए जारी नहीं किया तो कर्मचारी अब बड़े आंदोलन की तरफ बढ़ेंगे
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि 13% डीए कर्मचारियों के लंबित हो गया है। कर्मचारियों में डीए ना मिलने से भारी रोष है। मुख्यमंत्री ने बजट सत्र में मई महीने में 3 फ़ीसदी डीए देने की घोषणा की थी जो अगस्त महीने में भी पूरी नहीं हुई। सरकार एक तरफ कहती है कि पैसे की कमी नहीं है फिर डीए क्यों नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने अगर जल्दी डीए जारी नहीं किया तो कर्मचारी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे।
वहीं शिक्षा विभाग में शिक्षकों के बहुत से पद खाली चल रहे हैं जिन्हें नई भर्तियों के माध्यम से शीघ्र भरने की आवश्यकता है इस दिशा में सरकार पहल करें और शीघ्र ही कमीशन के माध्यम से नए पद भरे जाए जिससे शिक्षा में गुणवत्ता आएगी और सरकारी स्कूलों में बच्चों की इनरोलमेंट बढ़ेगी। अध्यापकों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या घट रही है स्कूल बंद करने से समाधान नहीं होगा।