शिमला
श्री श्री शिव प्रताप गिरी जी को शिमला के प्रसिद्ध शिमलेश्वर महाराज मन्दिर मिडल बाजार का नया महन्त बनाया गया है।
शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान नवनियुक्त महन्त श्री श्री शिव प्रताप गिरी जी ने कहा कि ये उनके लिए अतिसौभाग्य व महत्वपूर्ण दिन है कि यह बडी जिम्मेदारी उन्हें मिली है जिसका वे तन मन धन से निर्वहन करेंगे । उन्होंने कहा कि वे पूरी निष्ठा के साथ मन्दिर के उत्थान व श्रेष्ठता के लिए सदैव त्तपर रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपने बुर्जुगों का भी अति धन्यवादी है और गर्वान्वित महसूस करते हैं कि उन्हें ऐसा आशिर्वाद उनसे मिला है। श्री श्री महन्त शिव प्रताप गिरी जी ने मन्दिर का इतिहास बताते हुए कहा कि सन् 1785 में बाबा बुद्ध गिरी महाराज जी जब इस स्थान पर तपस्या कर रहे थे तभी स्वयंभू शिवलींग प्रक्ट हुए और उन्होने उसे प्रतिष्टित व स्थापित करने के लिए जिन्दा समाधी ली जो आज भी मन्दिर के पिछले भाग में स्थापित है जिसकी जनमानस द्वारा पूजा अर्चना की जाती है। उसी दिन से शिमलेश्वार महाराज जी की स्थापना हुई और पुजा अर्चना शुरू हुई। उसके बाद मन्दिर को बढा व अच्छा स्वरूप बाबा महन्त अम्बादत्त गिरी जी महाराज ने सन् 1849 में दिया। बाबा बुद्ध गिरी महाराज एक सिद्ध पुरुष थे व उनके द्वारा ही बाबा अम्बादत्त गिरी जी को महन्त का कार्यभार दिया गया और गुरू शिष्य परम्परा को आगे बढाया गया।
महन्त शिव प्रताप गिरी जी ने कहा कि मन्दिर पहले अतिगोपनीय व निजी परिवार का ही था परन्तु आस पास की जनता के अनुरोध करने पर महन्त अम्बादत्त गिरी जी ने इसे आम जनमानस के लिए खोल दिया। महन्तो का इतिहास अति पौराणिक है व महन्त श्रेष्ट धार्मिक प्रचारक होते है जो धर्म की रक्षा करने के लिए अपना समस्त जीवन ईश्वर भक्ति में लगा देते है। शिव प्रताप जी ने कहा कि वे गौसांई मठ के अधीन आते है और परिवार का बडा बेटा ही महन्त की गद्दी को सम्भालता है।
वहीं इस दौरान गौरव शर्मा ने कहा कि अब से शिमलेश्वर महाराज जी की सभी गतिविधयों पर श्री श्री महन्त श्विप्रताप गिरी जी का संचालन रहेगा व मन्दिर के रख रखाव, पंडितों का कार्य, व सभी आयोजनो में उनके द्वारा ही रुप रेखा को बनाया जाएगा व मन्दिर का भरपूर संरक्षण व संचालन अब नवनियुक्त महन्त जी ही करेंगें।