अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आज केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला परिसर में मूक प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष प्रदेश स्तरीय प्रमुख मांगों को रखा। विद्यार्थी परिषद ने उच्च शिक्षा में सुधार, शिक्षण संस्थानों की समस्याओं और छात्रों के अधिकारों को लेकर अपनी आवाज बुलंद की।
प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने निम्नलिखित मांगों को प्रमुखता से उठाया:
1.प्रदेश में छात्र संघ चुनाव तुरंत बहाल किए जाएं।
- शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक भर्तियों की प्रक्रिया शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण की जाए।
- हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के साथ राजनीति करना बंद करे सरकार।
- 4.राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) को प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
5.अतिथि शिक्षक भर्ती से संबंधित निर्णय को सरकार तुरंत वापस ले।
6.कृषि विश्वविधालय,पालमपुर और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में स्थायी कुलपति की शीघ्र नियुक्ति की जाए। - प्रदेश सरकार शिक्षण संस्थानों की तालाबंदी बंद करे।
- महाविद्यालयों के मूलभूत ढांचे को सुदृढ़ किया जाए।
- प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शोधार्थियों को उनकी शोध-वृत्ति समय पर प्रदान की जाए।
- प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को नियंत्रित किया जाए।
- सभी शिक्षण संस्थानों में युगानुकूल पाठ्यक्रम लागू किया जाए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो विद्यार्थी परिषद प्रदेश भर में व्यापक आंदोलन करने को बाध्य होगा। विद्यार्थी परिषद का मानना है कि उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने और विद्यार्थियों को सुचारू शिक्षा व्यवस्था देने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।
यह मूक प्रदर्शन छात्रों की समस्याओं के समाधान की दिशा में पहला कदम है, और एबीवीपी आगे भी छात्रहित में संघर्ष जारी रखेगा।
जारीकर्ता
जितेंद्र सिंह
विभाग सह संयोजक