हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और सरकार पर फिजूल खर्ची के आरोप लगाए जा रहे हैं वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के आर्थिक संकट को सिरे से नकार दिया है ।
उन्होंने कहा कि जब से सरकार सत्ता में आई है तो पहले दिन से हिमाचल को 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की बात कही है।अर्थव्यवस्था में सुधार करने की प्रक्रिया में प्रदेश सरकार काम कर रही है। ये जो कहा जा रहा है कि प्रदेश में फाइनेंशियल मेस हो गया है ये गलत है। यदि हमने दो वेतन भत्तों को विलंबित किया है तो अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा,ओर सभी को अनुशासित होने की जरूरत, सांकेतिक रूप से किए वेतन भत्ते विलंबित किए है। भाजपा जो 85 हज़ार करोड़ की देनदारियां की बात कर रही है वो भाजपा सरकार छोड़ कर गई की।
सरकार ने सत्ता में आते ही 7% कर्मचारियों को DA दिया। प्रदेश में 14 प्रकार की सबसिडी दी जा रही, जिनको आवश्यकता नहीं उन्हें भी मिल रही है। हजारों लोग सबसिडी छोड़ने की बात कह रहे हैं, हज़ारों लोगों ने बिजली पानी की सब्सिडी छोड़ने की बात कही।उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाए सिर्फ़ 19 महीने हुए। पुर्व सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है । वर्तमान सरकार इसमे सुधार कर रही है। इसमें पैसे की जरूरत है और इस प्रकार की कोई स्थिति नहीं है सरकारी कर्मचारियों की सैलरी जो है वह समय पर मिलेगी और पेंशन दी जाएगी 28000 परिवारों को एरिया दे दिया है केंद्र सरकार से तो अधिकार है 9200 करोड रुपए एमपीएस का है 93 00 करोड़ पीडीएन का मिलना है। बीबीएमबी 43 सौ करोड़ शेयर है इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश भी दिए।
वही प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर राजनीति करने के आरोप लगाए और कहा कि भाजपा नेता बिना तैयारी के बयानबाज़ी कर रहे हैं भाजपा के नेता कभी ड्रोन से जासूसी कभी फाइनेंशियल मेस की बात कर रहे है। विपक्ष के नेताओं को पढ़ने की जरूरत है। उनके बाद ही कोई बयानबाजी करे।