विद्यार्थी परिषद ने महिला विरोधी पश्चिम बंगाल सरकार का फूंका पुतला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने धर्मशाला में ममता सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आज धर्मशाला महाविद्यालय के अंदर बंगाल में हुई एक डॉक्टर के साथ बर्बरता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | इसी के चलते धर्मशाला महाविद्यालय में विद्यार्थी परिषद ने आज डाक्टर को न्याय दिलाने के लिए अपनी आवाज को बुलंद किया व ममता की भ्रष्ट वह संवेदनहीन सरकार के खिलाफ युवाओं/विद्यार्थियों को एक जुट हो कर बंगाल में महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने का आवाहन किया |

हम सभी को ज्ञात है कि, पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना सामने आई है।
पश्चिम बंगाल गत अनेकों माह से महिला सुरक्षा से संबंधित घटनाएं हो रही है। ऐसे दुष्कर्मों में संलिप्त लोगों को बचाने का प्रयास पश्चिम बंगाल की ममता सरकार कर रही है। टीएमसी के गुंडों द्वारा भी ऐसे अनेकों दुष्कर्म पूर्व में किए गए परंतु उनके विरुद्ध में कोई भी कार्यवाही ममता सरकार द्वारा नही की गई। बंगाल में हो रही यह घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली है। इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए आज ही के दिन विद्यार्थी परिषद ने पूरे हिमाचल के साथ साथ पूरे भारत में हर एक इकाई स्तर पर ममता सरकार के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया है व साथ ही साथ डॉक्टर के केस की निष्पक्ष जांच की मांग की है |
साथ ही आज विद्यार्थी परिषद ने महिला विरोधी ममता सरकार का पुतला धर्मशाला महाविद्यालय में फूंका और इस कुकृत्य का विरोध विद्यार्थी परिषद ने धर्मशाला महाविद्यालय में किया और विद्यार्थी परिषद इसका विरोध पूरे देश में कर रहा है विद्यार्थी परिषद की मांग है की ऐसे कानून देश में बनाई जाए ताकि ऐसे कुकृत्य करने की हिम्मत कोई न कर सके।
इस विरोध प्रदर्शन में विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा ने कहा कि जिस प्रदेश को माता दुर्गा का प्रदेश माना जाता हो जिस प्रदेश को शक्ति का गढ़ माना जाता जो उस स्थान पर इसी घटनाओं का बार बार होना शर्मनाक है।इससे पहले भी संदेशखाली की घटना को यह देश भुला नहीं है और एक और घटना बंगाल के साथ साथ पूरे देश को शर्मसार करने वाली है इस दुःख की घड़ी में विद्यार्थी परिषद उस बहन के परिवार के साथ खड़ी है व पूरे देश के युवाओं से यह आवाहन करती है कि ममता सरकार के खिलाफ एक जुट हो कर आवाज उठाई जाए ताकि बंगाल में न ऐसी घटना हो न बंगाल को शर्मसार होना पड़े