विश्व एड्स दिवस पर जिला स्तरीय गतिविधि का आयोजन

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धर्मशाला

जिला कांगड़ा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा “विश्व एड्स दिवस 2024” के उपलक्ष्य में जिला स्तरीय गतिविधि का आयोजन किया गया । जिसमें “एडीसी विनय कुमार जी“ ने मुख्यतिथि के रूप में शिरकत की । इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी “डॉ राजेश गुलेरी” ने मुख्यतिथि का स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया ।इस गतिविधि के दौरान मुख्यतिथि का रेड रिब्बन पहनाकर स्वागत किया ।इस गतिविधि का संचालन जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश सूद ने किया । इस गतिविधी के दौरान एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों ने अपने अनुभव सांझे किये । इस आयोजन में जिला के 40 विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । इस गतिविधि के दौरान एडीसी विनय कुमार ने कहा कि एचआईवी एड्स जैसी महामारी से जुड़ी जागरूकता नियमित रूप से दी जानी चाहिए । एडीसी विनय कुमार ने गतिविधि के दौरान कहा कि यह अभियान संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार घोषणा के सिद्धांतों के अनुरूप है, जिसमें कि एचआईवी एड्स को समाप्त करने और वैश्विक स्तर पर स्थायी स्वास्थ्य परिणाम सुनिश्चित करने के लिए सभी के अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। एडीसी विनय कुमार ने श्रेष्ठा देवी के द्वारा एचआईवी एड्स जागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की । एडीसी विनय कुमार ने कहा कि एचआईवी एड्स के बारे युवाओं में जागरूकता बढ़ाने के लिए लक्ष्य आधारित जागरूकता गतिविधियों को आयोजित करना चाहिए और कहा वर्तमान मे स्वस्थ समाज के निर्माण में सभी को सहयोग देना चाहिए । इस अवसर पर मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश गुलेरी ने इस वर्ष के थीम ” अधिकारों के मार्ग पर चलें” के बारे भी बताया । डॉ गुलेरी ने जानकारी देते हुए बताया यह थीम एचआईवी/एड्स महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मानव अधिकारों को बनाए रखने के महत्व पर जोर देती है। डॉ गुलेरी ने कहा कि थीम लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले कानूनी और सामाजिक अवरोधों को हटाने की वकालत करता है, जैसे भेदभावपूर्ण कानून और अपराधीकरण जो एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक समर्थन तक पहुँच में बाधा डालते हैं।डॉ राजेश गुलेरी ने कहा कि इस बार की थीम नेताओं और समुदायों के लिए समावेशी नीतियों को बढ़ावा देने और एचआईवी की रोकथाम, उपचार और बिना किसी कलंक के देखभाल का समर्थन करने वाले कानूनी ढांचे बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करती है। डॉ गुलेरी ने बताया कि यूएनएड्स अभियान इस बात पर प्रकाश डालता है कि एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त करना मानव अधिकारों की रक्षा, समान स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सुनिश्चित करने और उसके बाद एचआईवी/एड्स से प्रभावित लोगों के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने पर निर्भर करता है। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गुलेरी ने कहा कि 15 -49 वर्ष आयु के व्यक्तियों का एच आई वी से संक्रमित होना एक समस्या है तथा एच आई वी एक सामाजिक व आर्थिक चुनौती है। डॉ गुलेरी ने बताया कि विश्व में 3.9 करोड़ व्यक्ति एच.आई.वी. के साथ जी रहे हैं । हमारे देश में 25 लाख व्यक्ति एच आई वी संक्रमित हैं। 30 अक्टूबर 2024 तक हिमाचल प्रदेश में 5897 व्यक्ति एच.आई.वी संक्रमित हैं, जिनमें से 1576 जिला कांगड़ा के हैं जो कि जनसँख्या का 0.10% है। डॉ गुलेरी ने 95 -95 -95 लक्ष्यों पर विस्तार पर चर्चा की । डॉ गुलेरी ने कहा कि अक्सर हम कहते हैं कि आज का युवा कल का भविष्य है। कल का भविष्य तभी सुरक्षित होगा जब आज का युवा स्वस्थ होगा। एच आई वी युवाओं के जुड़ा मामला है क्योंकि युवा एच आई वी बेहद संवेदनशील है । डॉ गुलेरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अपने कई कार्यक्रमों के माध्यम से कल के भविष्य यानि युवाओं को सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए क्रियाशील है । इस दौरान रेड रिबन एचआईवी/ एड्स जागरूकता का अंतरराष्ट्रीय प्रतीक है। इस दौरान बेहतर कार्य के लिए रजिस्ट्रार सेंट्रल यूनिवर्सिटी , जीसीटीई धर्मशाला , गुरु द्रोणाचार्य योल रेड रिब्बन क्लब को पुरस्कृत किया । इस अवसर पर जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी डा॰ आर.के.सूद ने कहा कि जिला में 74 रेड रिबन क्लब कार्यरत हैं जो युवाओं को अपनी भावनाओं की रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए मंच प्रदान करने की सार्थक पहल है वहीं युवाओं में स्वास्थ्य संबंधी सही जानकारी का प्रचार प्रसार व भ्रांतियों को दूर करने के लिए प्रयासरत हैं। जिला भर में जागरूकता अभियान के दौरान प्रशिक्षित रेड रिबन क्लब के पीयर एजूकेटर, पॉजिटिव व्यक्ति की मदद के लिए कार्यकर्ता अग्रणी भूमिका निभाएंगे, जैसे मुफ्त ए.आर.टी. दवा दिलवाने में मदद करेंगे, व एच.आई.वी. के साथ जी रहे लोगों से मेलजोल बनाए रखेंगे व दोस्ताना व्यवहार करके मिसाल प्रस्तुत करेंगे। इस अवसर पर एच.आई़.वी./एड्स से जुड़ी भ्रांतियां दूर करने का संकल्प लिया गया। यह भी संकल्प लिया कि एच.आई.वी.-एड्स के साथ जी रहे लोगों की मदद के लिये लोगों को समझाएंगे कि उनके साथ भेदभाव न करें। क्लब युवाओं को एच.आई.वी./एड्स की समस्या के बारे में सही जानकारी देने के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों में इस बीमारी के बारे में खुली चर्चा की जा रही है।डॉ सूद ने बताया कि 18 से 60 वर्ष तक आयु का कोई भी व्यक्ति वर्ष में चार बार रक्तदान कर सकता है। विभिन्न भ्रांतियों के कारण लोग रक्तदान से घबराते हैं। जिसके चलते खून की कमी रहती है। उन्होंने बताया कि इससे कमजोरी नहीं आती है एक बार में केवल 350 मिलीलीटर खून दिया जाता है व लाल रक्तकोशिकाएं तीन महीनों में पूरी हो जाती हैं। व्यवसायिक रक्तदाताओं में बीमारियां अधिक होने का अंदेशा रहता है और इसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने व्यवसायिक रक्तदाताओं को प्रतिबंधित कर दिया है। एच आई वी के साथ जी रहे व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ना एच.आई.वी. रोकथाम का एक साधन है । डॉ सूद ने सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि एच.आई.वी. से प्रभावित 18 साल तक के बच्चों के पालन पोषण के लिए 300 से 800 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रतिभागियों को आई. सी.टी.सी. में मुफ्त व गोपनीय एच.आई.वी. जांच तथा मुफ्त हेल्पलाइन- 1097 के बारे जानकारी दी । इस दौरानसभी प्रतिभागियों ने एच.आई.वी. के विरुद्धअपनी प्रतिबद्धता की शपथ ली। जिला एड्स कार्यक्रम अधिकारी ने आहवान किया कि सभी आई.सी.टी.सी. में जाकर अपना स्टेटस जानें यदि नैगेटिव हो तो निश्चिंत हो जाएं व आगे के लिये बचाव रखें। यदि पाजीटिव हों तो निःशुल्क ए.आर.टी. का लाभ उठायें व लम्बा व स्वस्थ जीवन बितायें। और यदि वह एच.आई.वी. पाजीटिव हैं तो वह मुफ्त इलाज करवा सकता है ए.आर.टी. की दवा से एच.आई.वी संक्रमित लंबा व स्वस्थ जीवन जी सकता है। यदि किसी व्यक्ति को अपने एच.आई.वी. स्टेटस का पता नहीं है तो वह अपने ईलाज की सुविधा से वंचित रह जाएगा। एच.आई.वी. संक्रमण लम्बे समय तक लक्षण रहित होता है व एच.आई.वी. पाजीटिव व्यक्ति देखने में सामान्य लगता है। ए.आर.टी. का लाभ व्यक्ति तभी ले पाएगा जब वह अपने एच.आई.वी. स्टेटस को जान लेगा। जिस प्रकार हृदय रोग के लिए ECG टैस्ट करवा कर पता चलता है, एच.आई.वी संक्रमण का पता रक्त की जांच से लग सकता है। जिला कांगड़ा में आई.सी.टी.सी. राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला, सिविल हस्पताल पालमपुर, सिविल हस्पताल देहरा, सिविल हस्पताल नूरपूर , सिविल हस्पताल कांगड़ा, जोनल अस्पताल, धर्मशाला, मैडिकल कालेज, टांडा में स्थित है। उन्होंने कहा कि एड्स बिमारी के साथ अज्ञानता के कारण कुछ गलत फहमियां जुड़ गई हैं, जिसके कारण एड्स पीड़ितों को समाज में तिरस्कार की भावना से देखा जाता है। यह बिमारी केवल असुरक्षित यौन संबंध, बार बार प्रयोग की गई सुईयों का प्रयोग, संक्रमित रक्त रोगी को चढ़ाने व एच आई वी संक्रमित गर्भवती माँ से बच्चे को होती है। यह बीमारी एच.आई.वी. एड्स से प्रभावित व्यक्ति के साथ सामान्य संपर्क जैसे हाथ मिलाने, छूने, काम करने व खेलने, उसके बर्तनों व कपड़ों का इस्तेमाल करने, उसके द्वारा पकाया भोजन खाने अथवा मच्छर या किसी अन्य कीड़े के काटने, स्विमिंग पूल में नहाने या शौचालयों के उपयोग से एड्स नहीं फैलता है।लोगों को एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में अपनी एकजुटता में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लाल रिबन पहनने को प्रोत्साहित किया जाता है । 27 नवम्बर से 31 दिसम्बर विभिन्न विभाग एचआईवी चर्चा करेंगे और एचआईवी गतिविधियों द्वारा जागरूकता अभियान मनाएंगे।इस दौरान :कमिश्नर एमसी , धर्मशाला ,सुपरीटेंडेंट पुलिस कांगड़ा धर्मशाला से प्रतिनिधि ,चेयरपर्सन डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी धर्मशाला, जीएम बीएसएनल धर्मशाला, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर PWD धर्मशाला, द डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन धर्मशाला, जिला आयुर्वेदिक ऑफिसर कांगड़ा धर्मशाला, कमांडेंट होमगार्ड कांगड़ा एट धर्मशाला, , प्रोजेक्ट ऑफिसर डीआरडीए धर्मशाला,एडिशनल डायरेक्टर एग्रीकल्चर कांगड़ा, एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर होर्टीकल्चर कांगड़ा,डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म कांगड़ा,अधीक्षक जेल धर्मशाला,जिला प्रोजेक्ट ऑफिसर आईसीडीएस कांगड़ा धर्मशाला, डिप्टी डायरेक्टर हाइयर एजुकेशन,जनरल मैनेजर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन,, इंचार्ज RCETI, प्रोजेक्ट डायरेक्टर NGO TI (SHIRA), द डिस्ट्रिक्ट लेबर अधिकारी कांगड़ा, चेयरमैन जिला बैंकर कमेटी cum LDM कांगड़ा, रोटरी क्लब अध्यक्ष भी उपस्थित रहे

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