प्रदेश सचिवालय में शिमला शहर में स्ट्रीट वेंडिंग को लेकर हुई अहम बैठक

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विक्रमादित्य बोले 30 दिसंबर तक शिमला में स्ट्रीट वेंडिंग जोन तय करने और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करने की दी गई है डेडलाइन

शिमला
प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लेकर विधानसभा की ओर से सात सदस्य कमेटी बनाई गई है. मंगलवार को शिमला शहर में स्ट्रीट वेंडिंग को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हिमाचल प्रदेश सचिवालय में हुई. कमेटी के सदस्य और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला शहर में पॉलिसी के स्टेकहोल्डर के साथ बैठक की. इसमें शिमला शहरी के विधायक हरिश जनार्था, महापौर सुरेंद्र चौहान, व्यापार मंडल के पदाधिकारी और MC कमिश्नर शामिल हुए।

विधानसभा की ओर से स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लेकर बनाई गई कमेटी के सदस्य और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी पर आज शिमला शहर को लेकर सचिवालय में बैठक हुई. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश के दुसरे इलाकों के लिए भी नीति निर्धारण किया जाएगा. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि स्ट्रीट वेंडिंग को लेकर केंद्र का स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 पहले से मौजूद है. इसी के तहत हिमाचल प्रदेश में भी तहबाजारियों के लिए नियम है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ हिमाचल प्रदेश के अपने नियम भी शामिल है. विक्रमादित्य ने बताया कि हिमाचल में टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन 2023 में हो चुका है और इसी के तहबाजारियों की रजिस्ट्रेशन और उनके लिए नीति निर्धारण होता है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अब तक 1060 वेंडर्स शिमला में रजिस्टर्ड है इसके अलावा सर्वे में 540 अतिरिक्त वेंडर्स भी पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सर्वे में कुछ त्रुटियां भी है, जिस पर संज्ञान लेकर दुरुस्त करने की निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शिमला में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए जोन बनाए जाएंगे और इन इलाकों को ब्लू लाइन से निर्धारित किया जाएगा. साथ ही साथ ही फोटो के साथ आइडेंटी कार्ड भी बनाए जाएंगे विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 30 दिसंबर तक शहर में वेंडिंग जोन लाइन के साथ बनाने की डेडलाइन दी गई है. इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि स्ट्रीट वेंडिंग के लिए स्थानीय व्यापारी और तहबाजारियों को प्राथमिकता दी जाएगी. लेकीन साथ ही केंद्र के स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट के तहत प्रावधानों को भी शामिल किया जाएगा।

वहीं हिमाचल प्रदेश में देवभूमि संघर्ष समिति प्रदेश में अवैध मस्जिद निर्माण और प्रवासियों की पहचान जांच को लेकर 28 सितंबर को प्रदेश भर में प्रदर्शन का आह्वान कर चुकी है. इसको लेकर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मामला अभी न्यायालय में है. लिहाजा इस मामले पर न्यायालय को डायरेक्ट नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि निर्माण अगर अवैध है तो उसे पर कानून के तहत कार्रवाई होगी और उसे गिराया जाएगा. इस दौरान उन्होंने हिंदू संगठनों से भी शान्ति की अपील की है और साथ की कानून के तहत कारवाई किए जाने का आश्वासन भी दिया है।

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